बोलते चित्र क्या है?
बोलते चित्र (ज्ञान का अलौकिक प्रकाश) एक हिंदी ब्लॉगिंग वेबसाइट हैं जिसमें विभिन्न विषयों पर जानकारी दी जाती हैं . हमारी साईट को भारत की टॉप 10 हिंदी ब्लॉगिंग साईट में गिना जाता हैं . विभिन्न विषयों पर जानकारी इक्कट्ठी कर उसे पाठकों तक पहुँचाने का कार्य हमारी टीम द्वारा किया जाता हैं जिसमें बहुत सी लेखिकाएँ कार्य करती हैं, जो अपने –अपने शौक के अनुसार विभिन्न विषयों पर लिखती हैं . यह सभी लेखिकायें ग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट हैं जिनमें कई टेक्निकल फिल्ड में पोस्ट ग्रेजुएट हैं लेकिन लेखन में रूचि होने के कारण वे सभी नियमित रूप से बोलते चित्र के लिए लिखती हैं . बोलते चित्र में जीवन परिचय, त्यौहार, सामान्य ज्ञान, सरकारी योजनायें, कविता, कहानियाँ एवं फाइनेंस से संबंधी विषयों पर जानकारी लिखी जाती हैं . यह सभी विषयों पर हमारे लेखक रिसर्च करके सारी जानकारी देने के लिए कठिन परिश्रम करते हैं और अपने पाठकों की रूचि एवं उनकी इच्छानुसार कंटेंट तैयार करते हैं . हमारे ब्लॉग ने भी हिंदी भाषा में बड़ी मात्रा में सामाग्री को इंटरनेट पर उपलब्ध करवाने में रोचक भूमिका अदा की है जिसका श्रेय हमारे लेखको को जाता हैं जो दिन रात हमारे लिये काम करते हैं।
आपने अब तक मेरे ब्लॉग के बारे में जाना, जिसमे आपको बताया गया है कि आप क्या -क्या पढ़ सकते हैं लेकिन अब हम कुछ पीछे जाते हैं और आपको यह बताते हैं कि कैसे मैं एक ब्लॉगर बना और कैसे बोलते चित्र एक टीम बनी.
मैं कौन हूँ : Anshuman Chandel
मेरा नाम अंशुमान चंदेल हैं और मैं उत्तरप्रदेश के छोटे से शहर Jaunpur का रहने वाला हूँ. मैंने Purvanchal University से ग्रेजुएशन किया हैं . इसके बाद मैंने DOEACC प्रयागराज से MCA किया है। मैंने 1999 मे MCA करने के बाद अपनी एक सॉफ्टवेयर कंपनी शुरू की जो आज एक बड़ी कंपनी बन गयी है और वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र मे अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। मुझे आज भी अपने पहले startup से बहुत प्यार हैं। मैं आज भी अपने पहले स्टार्टअप से पूरी तरह से जुड़ा हुआ हूँ और सभी से अपने पहले स्टार्टअप के अनुभव शेयर करता रहता हूँ। इसके बाद मैंने Digital Marketing की कंपनी शुरू की। आज मैं 500 से भी ज्यादा websites/web app/mobile app/youtube chanel/social media pages का ओनर हूँ और ये साइट भी उसी का हिस्सा है। मैंने इस ब्लॉग के जरिये महिलाओं और युवाओं के लिए एक बेहतर रोजगार का प्लैटफ़ार्म रेडी किया हैं और मुझे इसी बात से खुशी मिलती हैं कि मैंने देश के विकास में रोजगार पैदा कर महिलाओं और बेरोजगार युवाओं को सशक्त बनाने की कोशिश की हैं और मेरी कोशिश सफलता की तरफ जारी हैं.
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Anshuman Chandel is the founder of blog boltechitra |
Anshuman Chandel Details
Name | Anshumaan Chandel |
Company Name | E-Sharp Solar Solutions Pvt Ltd, Talking Picture's Pvt Ltd |
Designation | Director |
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Phone Number (For Youtube and Insta Live) | 7827616411 |
कैसे बना मैं एक ब्लॉगर?
यह तो एक स्वाभाविक सी बात हैं कि अगर कोई भी ब्लॉगर हैं तो उसे लिखने पढ़ने का शौक होता हैं और वो इंटरनेट को थोडा बहुत समझता हैं . मैं भी कुछ ऐसा ही था लेकिन एक सॉफ्टवेयर इंजिनियर होने के कारण बहुत समय निकाल पाना मेरे लिए आसान नहीं था. फिर भी मै खुद को टाइम देते हुये कुछ न कुछ लिख कर पब्लिश करता रहता था, जिससे मुझे ब्लॉगिंग के बारे में थोडा बहुत पता था लेकिन उसे प्रोफेशन बनाने के बारे में मैंने कभी नहीं सोचा .
किस तरह बना बोलते चित्र हिन्दी ब्लॉग?
फिर लाइफ में एक चेंज आया, अपने startup के लिए मैंने SEO का और Digital Marketing का गहन अध्ययन किया और मैंने पाया की हिंदी भाषा मे इंटरनेट पे content ही नहीं है। अपनी मात्र भाषा मे content न पा कर मैंने इसका बीड़ा उठाया और तब से ही इसकी सेवा मे लगा हूँ। मैंने सबसे पहले बोलते चित्र ब्लॉग की शुरुवात की।
कैसे मैंने YouTube Channel शुरू करने का निर्णय लिया?
ब्लॉग तो बन गया और हमने इसमें हर तरह के आर्टिकल डाले . ब्लॉग के लिए काम करते करते ही हमें कुछ और ऐसे लोग मिले जिन्हें लिखने का शौक था और हमने उन्हें भी अपनी टीम में शामिल किया इस तरह हमारा ब्लॉग दिन पर दिन बड़ा होता गया और हमारी टीम भी . बोलते चित्र की शुरुवात के बाद मेरा मन और प्रोजेक्ट शुरू करने का हुआ। फिर शुरुवात हुई दैनिक मानस की और उसके यूट्यूब चैनल की, आगे फिर चीजे होती गई।
आगे बढ़ते बढ़ते हम नीचे आ गए
धीरे-धीरे बोलते चित्र नंबर वन हिंदी ब्लॉग बन गया। हम अच्छा परफॉर्म कर रहे थे मुझे विश्वास था मेरा एक्सपीरियंस मुझे मेरे काम में और अधिक सफलता देगा . लेकिन 2019 में गूगल ने हमारे youtube channel को बंद कर दिया fake कॉपीराइट क्लेम के कारण, वो चैनल मेरी आवाज था। उसके बंद होने से मुझे बहुत बुरा लगा और मैंने youtube छोड़ दिया।
मैं youtube छोड़ चूका था लेकिन इस तरह का अनुभव मेरे लिए नया था मैंने जो सोच कर youtube छोड़ा था उससे पूरा उल्टा मेरे साथ हुआ . मेरे अपने मुझे लेकर परेशान थे . सबका कहना था कि मुझे वापस youtube में जाना चाहिये क्यूंकि उससे मुझे खुशी मिलती थी। पर मेरा मन मानने को तैयार नहीं था।
बोलते चित्र बंद करने का फैसला
अब तक मेरी टीम में कई और लोग भी जुड़ चुके थे जिनका बोलते चित्र ब्लॉग से एक इमोशनल अटैचमेंट था. एक ऐसा वक्त आया जब मैंने सोचा कि मुझे ये ब्लॉग बंद कर देना चाहिये पर, अब बोलते चित्र केवल मेरा नहीं था बहुत से लोगो की थी इसलिए हम इसे बंद नहीं कर पाये क्यूंकि एक राइटर के लिए उसके ब्लॉग उसकी पहचान होते हैं शायद इसलिए मेरी टीम के लिए बोलते चित्र ऐसी थी जैसे मां के लिए उसका बच्चा .
बहुत सी निराशा के बीच हमारे लिए बोलते चित्र से अटैचमेंट ही हमारी सबसे बड़ी हिम्मत थी . अब हमने नये जोश के साथ काम शुरू किया . मेरी टीम में मेरे अलावा सभी महिलाये ही हैं हमारी बोलते चित्र महिला शक्ति का एक केंद्र हैं इसलिए ही मैंने कहा था कि बोलते चित्र से मेरी टीम का रिश्ता एक मां और बच्चे की तरह हैं क्यूंकि महिलाये अगर कोई काम करती हैं तो उसे दिल और दिमाग दोनों से करती हैं .
सारी नकारात्मकताओं को पीछे छोड़ हमने बोलते चित्र का काम और अच्छे से शुरू किया . अब सबसे ज्यादा जरुरी था SEO को सही से सभी को समझना जिसका काम मैंने खुद किया जिसे मैंने अपने अनुभवों के साथ हासिल किया था और उसे मैंने अपनी टीम के साथ साझा किया . धीरे धीरे बोलते चित्र का ट्रेफिक बढ़ने लगा .
बोलते चित्र बनी वूमेन एम्पावरमेंट का उदाहरण
बोलते चित्र के बढ़ते कदमों के साथ साथ टीम भी बढ़ती चली गई और इस टीम ने वूमेन एम्पावरमेंट का एक एक अच्छा उदहारण पेश किया. बोलते चित्र के अनुभव के साथ – साथ हममे आत्मविश्वास भी आया जो मैंने मई 2018 में खो दिया था. इसे देख मेरी वाइफ़ सुमन को इतना अच्छा लगा कि उन्होने भी अपना कीमती समय हमे दिया। वो एक स्कूल चलती है पर उन्होने बोलते चित्र के लिए समय निकाला क्यूंकि इस तरह का काम एक महिला के लिए भगवान के वरदान की तरह होता हैं क्यूंकि वो इसके जरिये वर्किंग होते हुये अपने परिवार और बच्चो को पूरा टाइम दे पाती हैं . सुमन के टीम को जॉइन करने के बाद मेरे दिमाग में यह बात आई कि यह सही हैं कि यह काम किसी महिला के लिए बहुत अच्छा और तभी से हमने इसमे महिलाओं को ही ज्यादा से ज्यादा मौका दिया ताकि वे बिना सेक्रेफाइस किए अपनी पहचान बना सके.
सुमन ने ब्लॉग के साथ – साथ बोलते चित्र को और अधिक आगे बढ़ाने के लिए इसका शोध विभाग संभाला। सुमन बोलते चित्र की आवाज हैं । सुमन ने उन सभी विषयों को कवर किया जो बोलते चित्र ब्लॉग में हैं । इसके एसईओ से संबंधी विभाग मैं खुद देखता हूँ ताकि मेरे जैसे लोग भी अपना सपना पूरा कर सके। बोलते चित्र के यू ट्यूब चैनल के साथ – साथ हमने बिज़नस आइडिया ब्लॉग का भी यू ट्यूब चैनल बनाया हैं जिसका रिस्पोंस भी काफी अच्छा हैं । और अब तक इसके भी अच्छे खासे सब्सक्राइबर बन चुके हैं । इस चैनल की आवाज भी मेरी हैं ।
बोलते चित्र महिला शक्ति का एक बड़ा रूप हैं जिसे महिलाओं की मेहनत ने यहाँ तक पहुंचाया हैं। हमारी टीम के सभी सदस्यो की दिन रात की मेहनत के बाद आज बोलते चित्र का यह रूप हैं जहां हम इस ब्लॉग को बंद कर देना चाहते हैं लेकिन हमारे दिलों ने हमे यह इजाजत नहीं दी और आज दिलों की इस आवाज के कारण हम इस मुकाम पर हैं ।
सुमन के टीम को जॉइन करने के बाद मेरे दिमाग में यह बात आई कि यह सही हैं कि यह काम किसी महिला के लिए बहुत अच्छा और तभी से हमने इसमे महिलाओं को ही ज्यादा से ज्यादा मौका दिया ताकि वे बिना सेक्रेफाइस किए अपनी पहचान बना सके
टीम परिचय भी बहुत जरूरी हैं, क्यूंकि हर कहानी के पीछे कई हाथ उनकी मेहनत छिपी होती हैं ।
मनीषा पाठक :
यह भी मध्यप्रदेश के खंडवा शहर की रहने वाली हैं जिन्होने डाटा माइनिंग विषय में एम. टेक. की डिग्री हासिल की हैं । पढ़ाई में रुचि के साथ – साथ इन्हे लिखने एवं एंकरिंग का शौक बचपन से ही रहा हैं । यह बोलते चित्र के लिए कहानी, शायरी, कविता, एतिहासिक एवं धार्मिक विषयों पर लिखती हैं। साथ ही यह बोलते चित्र के सर्च इंजिन ऑप्टिमाइजेशन टीम का हिस्सा हैं और एडिटर के तौर पर भी कार्य करती हैं । इसके अलावा यह कार्यकर्मों में संचालन का कार्य भी करती हैं ।
सुमन चंदेल :
सुमन चंदेल अंशुमान चंदेल की वाइफ है जो कि सिंगरौली मध्य प्रदेश की रहने वाली थी, इन्होंने इंजीनियरिंग में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है और साथ ही साथ 12 साल से एक स्कूल चला रही है। इसके साथ ही उन्होंने बोलते चित्र के लिए शोध का सभी कार्य किया है। साथ ही youtube channel मे भी भागीदारी निभा रही हैं।
दीपिका चंदेल :
दीपिका उत्तरप्रदेश के शहर वाराणसी के एक बिज़नेस परिवार से है, और उन्होंने खुद कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग (BE in Computer Science ) और एमबीए (MBA in HR ) किया है. दीपिका अपने परिवार की पहली लड़की है, जिन्होंने बाहर रह कर पढाई की है. दीपिका शादी से पहले बिज़नेस मैनेजमेंट फील्ड में जॉब करती थी, लेकिन शादी के बाद मेरे भाई को UK जाना था, इसलिए हमने सोचा क्यों ना हम एक ब्लॉग शुरू कर ले, जिससे उनको अपना सपना भी नहीं छोड़ना होगा और वो घर में रह कर परिवार और काम दोनों को संभाल सकेंगी. दीपिका चंदेल बोलते चित्र की एडमिन है, जिन्होंने बोलते चित्र को मैनेज किया और आज भी कर रही है.
इसके साथ साथ दीपिका ने वेबसाइट वर्ल्ड की चीजों को सीखना शुरू किया, जैसे वेब होस्टिंग, वेब डिजाइनिंग और डेवलपमेंट, वर्डप्रेस, सर्च इंजिन ऑप्टिमाइजेशन (SEO), वेबसाइट ऑप्टिमोज़ेशन, गूगल वेबमास्टर, गूगल एनालिटिक्स.
स्वाति चंदेल :
यह उत्तरप्रदेश के जौनपुर शहर से है. ये टेक्निकल फील्ड में पोस्ट ग्रेजुएट है, जिनको डांस, कुकिंग, घुमने एवम लिखने का शौक है. लिखने की कला को इन्होने अपना प्रोफेशन बनाया और घर बैठे काम करना शुरू किया. ये ज्यादातर कुकिंग, मोटिवेशनल कहानी, करंट अफेयर्स, इतिहास, फेमस लोगों के बारे में लिखती है. यह बोलते चित्र ग्रुप में जुड़ने वाली सबसे पहली एम्प्लोयी थी ।
रिया चंदेल :
यह उत्तरप्रदेश के जौनपुर शहर की रहने वाली है, जिन्होंने इंजीनियरिंग की हुई है. बचपन से इन्हें लिखने का शौक था, लेकिन पढाई के चलते वो शौक पीछे छुट गया. समय के साथ उन्हें ये प्लेटफार्म मिला जहाँ वो अपने बचपन के सपने को पूरा कर पा रही है.
प्रियंका शर्मा :
यह उत्तरप्रदेश के जौनपुर शहर की रहने वाली हैं, इन्होने पुणे से एमबीए किया हुआ है. दैनिक भास्कर में कुछ समय काम करने के बाद इन्होने बोलते चित्र के लिए फाइनेंस से जुड़े अलग-अलग विषय में लिखना शुरू किया. इसके अलावा इन्हें देश दुनिया के बारे नयी-नयी जानकारी लिखना पसंद है.
मिनी खंडेलवाल :
यह उत्तरप्रदेश के जौनपुर शहर की रहने वाली हैं. यह एक एडवोकेट हैं और जीएसटी में प्रेक्टिस कर रही हैं . इन्हें बैंकिंग, टेक्स्सेशन एवं फाइनेंस जैसे विषयों पर लिखना पसंद हैं ताकि उनका ज्ञान और अधिक बढ़ सके. उन्होंने बोलते चित्र के लिए लिखना शुरू किया और इस तरह अपने ज्ञान को पाठकों तक पहुँचाने की कोशिश की .