अष्टावक्र गीता‎ – वेदान्त का ग्रन्थ (प्रथम अध्याय) | ‎ASHTAVAKRA GITA – TEXTS OF VEDANTA (FIRST CHAPTER)

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अष्टावक्र गीता, अद्वैत वेदान्त के ग्रन्थ का प्रथम अध्याय, मूल संस्कृत, हिंदी भावानुवाद और अंग्रेजी में बोलतेचित्र पे, ‎Ashtavakra Gita, Images

अष्टावक्र गीता‎ – वेदान्त का ग्रन्थ (प्रथम अध्याय) | ‎ASHTAVAKRA GITA – TEXTS OF VEDANTA (FIRST CHAPTER)

अष्टावक्र गीता – अद्वैत वेदान्त के ग्रन्थ का प्रथम अध्याय, मूल संस्कृत, हिंदी भावानुवाद और अंग्रेजी में बोलतेचित्र पे | ‎ASHTAVAKRA GITA – FIRST CHAPTER FROM TEXTS OF VEDANTA, IN SANSKRIT, TRANSLATION IN HINDI AND ENGLISH ON BOLTECHITRA


अष्टावक्र गीता – संछिप्त परिचय

अष्टावक्र गीता अद्वैत वेदान्त का ग्रन्थ है. ज्ञान कैसे प्राप्त होता है? मुक्ति कैसे होगी? और वैराग्य कैसे प्राप्त होगा? ये तीन शाश्वत प्रश्न हैं जो हर काल में आत्मानुसंधानियों द्वारा पूछे जाते रहे हैं. राजा जनक ने भी ऋषि अष्टावक्र से ये ही प्रश्न किये थे. ऋषि अष्टावक्र ने इन्हीं तीन प्रश्नों का संधान राजा जनक के साथ संवाद के रूप में किया है जो अष्टावक्र गीता के रूप में प्रचलित है. ये सूत्र आत्मज्ञान के सबसे सीधे और सरल वक्तव्य हैं. इनमें एक ही पथ प्रदर्शित किया गया है जो है ज्ञान का मार्ग. ये सूत्र ज्ञानोपलब्धि के, ज्ञानी के अनुभव के सूत्र हैं. स्वयं को केवल जानना है – ज्ञानदर्शी होना, बस. कोई आडम्बर नहीं, आयोजन नहीं, यातना नहीं, यत्न नहीं, बस हो जाना वही जो हो. इसलिए इन सूत्रों की केवल एक ही व्याख्या हो सकती है, मत मतान्तर का कोई झमेला नहीं है; पाण्डित्य और पोंगापंथी की कोई गुंजाइश नहीं है. अध्यात्मिक ग्रंथों मैं भगवद्गीता उपनिषद और ब्रह्मसूत्र के सामान अष्टावक्र गीता अमूल्य ग्रन्थ है. भगवद्गीता के समान इसके निरंतर अध्ययन मात्र से बोधिसत्त्व उपलब्ध हो जाता है. इस ग्रन्थ मैं ज्ञान, वैराग्य, मुक्ति और बुद्धत्व प्राप्त योगी की दशा का सविस्तार वर्णन है. यह विश्व धरोहर है और समस्त भ्रमों का निवारण हो जाता है.

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श्लोक 1 – अष्टावक्र गीता‎ – वेदान्त का ग्रन्थ | ‎ASHTAVAKRA GITA – TEXTS OF VEDANTA

संस्कृत में :

जनक उवाच – कथं ज्ञानमवाप्नोति, कथं मुक्तिर्भविष्यति।
वैराग्य च कथं प्राप्तमेतद ब्रूहि मम प्रभो॥१-१॥

हिंदी में :

वयोवृद्ध राजा जनक, बालक अष्टावक्र से पूछते हैं – हे प्रभु, ज्ञान की प्राप्ति कैसे होती है, मुक्ति कैसे प्राप्त होती है, वैराग्य कैसे प्राप्त किया जाता है, ये सब मुझे बताएं.

IN ENGLISH :

Old king Janak asks the young Ashtavakra – How knowledge is attained, how liberation is attained and how non-attachment is attained, please tell me all this.

IN HINGLISH OR PHONETIC :

Vayovriddh raajaa janak, baalak aṣṭaavakr se poochhate hain – he prabhu, gyaan kee praapti kaise hotee hai, mukti kaise praapt hotee hai, vairaagy kaise praapt kiyaa jaataa hai, ye sab mujhe bataa_en.
(nextPage)

संस्कृत में :

जनक उवाच – कथं ज्ञानमवाप्नोति, कथं मुक्तिर्भविष्यति।
वैराग्य च कथं प्राप्तमेतद ब्रूहि मम प्रभो॥१-१॥

हिंदी में :

वयोवृद्ध राजा जनक, बालक अष्टावक्र से पूछते हैं – हे प्रभु, ज्ञान की प्राप्ति कैसे होती है, मुक्ति कैसे प्राप्त होती है, वैराग्य कैसे प्राप्त किया जाता है, ये सब मुझे बताएं.

IN ENGLISH :

Old king Janak asks the young Ashtavakra – How knowledge is attained, how liberation is attained and how non-attachment is attained, please tell me all this.

IN HINGLISH OR PHONETIC :

Vayovriddh raajaa janak, baalak aṣṭaavakr se poochhate hain – he prabhu, gyaan kee praapti kaise hotee hai, mukti kaise praapt hotee hai, vairaagy kaise praapt kiyaa jaataa hai, ye sab mujhe bataa_en.
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संस्कृत में :

जनक उवाच – कथं ज्ञानमवाप्नोति, कथं मुक्तिर्भविष्यति।
वैराग्य च कथं प्राप्तमेतद ब्रूहि मम प्रभो॥१-१॥

हिंदी में :

वयोवृद्ध राजा जनक, बालक अष्टावक्र से पूछते हैं – हे प्रभु, ज्ञान की प्राप्ति कैसे होती है, मुक्ति कैसे प्राप्त होती है, वैराग्य कैसे प्राप्त किया जाता है, ये सब मुझे बताएं.

IN ENGLISH :

Old king Janak asks the young Ashtavakra – How knowledge is attained, how liberation is attained and how non-attachment is attained, please tell me all this.

IN HINGLISH OR PHONETIC :

Vayovriddh raajaa janak, baalak aṣṭaavakr se poochhate hain – he prabhu, gyaan kee praapti kaise hotee hai, mukti kaise praapt hotee hai, vairaagy kaise praapt kiyaa jaataa hai, ye sab mujhe bataa_en.
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संस्कृत में :

जनक उवाच – कथं ज्ञानमवाप्नोति, कथं मुक्तिर्भविष्यति।
वैराग्य च कथं प्राप्तमेतद ब्रूहि मम प्रभो॥१-१॥

हिंदी में :

वयोवृद्ध राजा जनक, बालक अष्टावक्र से पूछते हैं – हे प्रभु, ज्ञान की प्राप्ति कैसे होती है, मुक्ति कैसे प्राप्त होती है, वैराग्य कैसे प्राप्त किया जाता है, ये सब मुझे बताएं.

IN ENGLISH :

Old king Janak asks the young Ashtavakra – How knowledge is attained, how liberation is attained and how non-attachment is attained, please tell me all this.

IN HINGLISH OR PHONETIC :

Vayovriddh raajaa janak, baalak aṣṭaavakr se poochhate hain – he prabhu, gyaan kee praapti kaise hotee hai, mukti kaise praapt hotee hai, vairaagy kaise praapt kiyaa jaataa hai, ye sab mujhe bataa_en.
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संस्कृत में :

जनक उवाच – कथं ज्ञानमवाप्नोति, कथं मुक्तिर्भविष्यति।
वैराग्य च कथं प्राप्तमेतद ब्रूहि मम प्रभो॥१-१॥

हिंदी में :

वयोवृद्ध राजा जनक, बालक अष्टावक्र से पूछते हैं – हे प्रभु, ज्ञान की प्राप्ति कैसे होती है, मुक्ति कैसे प्राप्त होती है, वैराग्य कैसे प्राप्त किया जाता है, ये सब मुझे बताएं.

IN ENGLISH :

Old king Janak asks the young Ashtavakra – How knowledge is attained, how liberation is attained and how non-attachment is attained, please tell me all this.

IN HINGLISH OR PHONETIC :

Vayovriddh raajaa janak, baalak aṣṭaavakr se poochhate hain – he prabhu, gyaan kee praapti kaise hotee hai, mukti kaise praapt hotee hai, vairaagy kaise praapt kiyaa jaataa hai, ye sab mujhe bataa_en.
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संस्कृत में :

जनक उवाच – कथं ज्ञानमवाप्नोति, कथं मुक्तिर्भविष्यति।
वैराग्य च कथं प्राप्तमेतद ब्रूहि मम प्रभो॥१-१॥

हिंदी में :

वयोवृद्ध राजा जनक, बालक अष्टावक्र से पूछते हैं – हे प्रभु, ज्ञान की प्राप्ति कैसे होती है, मुक्ति कैसे प्राप्त होती है, वैराग्य कैसे प्राप्त किया जाता है, ये सब मुझे बताएं.

IN ENGLISH :

Old king Janak asks the young Ashtavakra – How knowledge is attained, how liberation is attained and how non-attachment is attained, please tell me all this.

IN HINGLISH OR PHONETIC :

Vayovriddh raajaa janak, baalak aṣṭaavakr se poochhate hain – he prabhu, gyaan kee praapti kaise hotee hai, mukti kaise praapt hotee hai, vairaagy kaise praapt kiyaa jaataa hai, ye sab mujhe bataa_en.
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संस्कृत में :

जनक उवाच – कथं ज्ञानमवाप्नोति, कथं मुक्तिर्भविष्यति।
वैराग्य च कथं प्राप्तमेतद ब्रूहि मम प्रभो॥१-१॥

हिंदी में :

वयोवृद्ध राजा जनक, बालक अष्टावक्र से पूछते हैं – हे प्रभु, ज्ञान की प्राप्ति कैसे होती है, मुक्ति कैसे प्राप्त होती है, वैराग्य कैसे प्राप्त किया जाता है, ये सब मुझे बताएं.

IN ENGLISH :

Old king Janak asks the young Ashtavakra – How knowledge is attained, how liberation is attained and how non-attachment is attained, please tell me all this.

IN HINGLISH OR PHONETIC :

Vayovriddh raajaa janak, baalak aṣṭaavakr se poochhate hain – he prabhu, gyaan kee praapti kaise hotee hai, mukti kaise praapt hotee hai, vairaagy kaise praapt kiyaa jaataa hai, ye sab mujhe bataa_en.
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संस्कृत में :

जनक उवाच – कथं ज्ञानमवाप्नोति, कथं मुक्तिर्भविष्यति।
वैराग्य च कथं प्राप्तमेतद ब्रूहि मम प्रभो॥१-१॥

हिंदी में :

वयोवृद्ध राजा जनक, बालक अष्टावक्र से पूछते हैं – हे प्रभु, ज्ञान की प्राप्ति कैसे होती है, मुक्ति कैसे प्राप्त होती है, वैराग्य कैसे प्राप्त किया जाता है, ये सब मुझे बताएं.

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Old king Janak asks the young Ashtavakra – How knowledge is attained, how liberation is attained and how non-attachment is attained, please tell me all this.

IN HINGLISH OR PHONETIC :

Vayovriddh raajaa janak, baalak aṣṭaavakr se poochhate hain – he prabhu, gyaan kee praapti kaise hotee hai, mukti kaise praapt hotee hai, vairaagy kaise praapt kiyaa jaataa hai, ye sab mujhe bataa_en.
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संस्कृत में :

जनक उवाच – कथं ज्ञानमवाप्नोति, कथं मुक्तिर्भविष्यति।
वैराग्य च कथं प्राप्तमेतद ब्रूहि मम प्रभो॥१-१॥

हिंदी में :

वयोवृद्ध राजा जनक, बालक अष्टावक्र से पूछते हैं – हे प्रभु, ज्ञान की प्राप्ति कैसे होती है, मुक्ति कैसे प्राप्त होती है, वैराग्य कैसे प्राप्त किया जाता है, ये सब मुझे बताएं.

IN ENGLISH :

Old king Janak asks the young Ashtavakra – How knowledge is attained, how liberation is attained and how non-attachment is attained, please tell me all this.

IN HINGLISH OR PHONETIC :

Vayovriddh raajaa janak, baalak aṣṭaavakr se poochhate hain – he prabhu, gyaan kee praapti kaise hotee hai, mukti kaise praapt hotee hai, vairaagy kaise praapt kiyaa jaataa hai, ye sab mujhe bataa_en.
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संस्कृत में :

जनक उवाच – कथं ज्ञानमवाप्नोति, कथं मुक्तिर्भविष्यति।
वैराग्य च कथं प्राप्तमेतद ब्रूहि मम प्रभो॥१-१॥

हिंदी में :

वयोवृद्ध राजा जनक, बालक अष्टावक्र से पूछते हैं – हे प्रभु, ज्ञान की प्राप्ति कैसे होती है, मुक्ति कैसे प्राप्त होती है, वैराग्य कैसे प्राप्त किया जाता है, ये सब मुझे बताएं.

IN ENGLISH :

Old king Janak asks the young Ashtavakra – How knowledge is attained, how liberation is attained and how non-attachment is attained, please tell me all this.

IN HINGLISH OR PHONETIC :

Vayovriddh raajaa janak, baalak aṣṭaavakr se poochhate hain – he prabhu, gyaan kee praapti kaise hotee hai, mukti kaise praapt hotee hai, vairaagy kaise praapt kiyaa jaataa hai, ye sab mujhe bataa_en.
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संस्कृत में :

जनक उवाच – कथं ज्ञानमवाप्नोति, कथं मुक्तिर्भविष्यति।
वैराग्य च कथं प्राप्तमेतद ब्रूहि मम प्रभो॥१-१॥

हिंदी में :

वयोवृद्ध राजा जनक, बालक अष्टावक्र से पूछते हैं – हे प्रभु, ज्ञान की प्राप्ति कैसे होती है, मुक्ति कैसे प्राप्त होती है, वैराग्य कैसे प्राप्त किया जाता है, ये सब मुझे बताएं.

IN ENGLISH :

Old king Janak asks the young Ashtavakra – How knowledge is attained, how liberation is attained and how non-attachment is attained, please tell me all this.

IN HINGLISH OR PHONETIC :

Vayovriddh raajaa janak, baalak aṣṭaavakr se poochhate hain – he prabhu, gyaan kee praapti kaise hotee hai, mukti kaise praapt hotee hai, vairaagy kaise praapt kiyaa jaataa hai, ye sab mujhe bataa_en.
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संस्कृत में :

जनक उवाच – कथं ज्ञानमवाप्नोति, कथं मुक्तिर्भविष्यति।
वैराग्य च कथं प्राप्तमेतद ब्रूहि मम प्रभो॥१-१॥

हिंदी में :

वयोवृद्ध राजा जनक, बालक अष्टावक्र से पूछते हैं – हे प्रभु, ज्ञान की प्राप्ति कैसे होती है, मुक्ति कैसे प्राप्त होती है, वैराग्य कैसे प्राप्त किया जाता है, ये सब मुझे बताएं.

IN ENGLISH :

Old king Janak asks the young Ashtavakra – How knowledge is attained, how liberation is attained and how non-attachment is attained, please tell me all this.

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Vayovriddh raajaa janak, baalak aṣṭaavakr se poochhate hain – he prabhu, gyaan kee praapti kaise hotee hai, mukti kaise praapt hotee hai, vairaagy kaise praapt kiyaa jaataa hai, ye sab mujhe bataa_en.
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संस्कृत में :

जनक उवाच – कथं ज्ञानमवाप्नोति, कथं मुक्तिर्भविष्यति।
वैराग्य च कथं प्राप्तमेतद ब्रूहि मम प्रभो॥१-१॥

हिंदी में :

वयोवृद्ध राजा जनक, बालक अष्टावक्र से पूछते हैं – हे प्रभु, ज्ञान की प्राप्ति कैसे होती है, मुक्ति कैसे प्राप्त होती है, वैराग्य कैसे प्राप्त किया जाता है, ये सब मुझे बताएं.

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Old king Janak asks the young Ashtavakra – How knowledge is attained, how liberation is attained and how non-attachment is attained, please tell me all this.

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Vayovriddh raajaa janak, baalak aṣṭaavakr se poochhate hain – he prabhu, gyaan kee praapti kaise hotee hai, mukti kaise praapt hotee hai, vairaagy kaise praapt kiyaa jaataa hai, ye sab mujhe bataa_en.
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संस्कृत में :

जनक उवाच – कथं ज्ञानमवाप्नोति, कथं मुक्तिर्भविष्यति।
वैराग्य च कथं प्राप्तमेतद ब्रूहि मम प्रभो॥१-१॥

हिंदी में :

वयोवृद्ध राजा जनक, बालक अष्टावक्र से पूछते हैं – हे प्रभु, ज्ञान की प्राप्ति कैसे होती है, मुक्ति कैसे प्राप्त होती है, वैराग्य कैसे प्राप्त किया जाता है, ये सब मुझे बताएं.

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Old king Janak asks the young Ashtavakra – How knowledge is attained, how liberation is attained and how non-attachment is attained, please tell me all this.

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Vayovriddh raajaa janak, baalak aṣṭaavakr se poochhate hain – he prabhu, gyaan kee praapti kaise hotee hai, mukti kaise praapt hotee hai, vairaagy kaise praapt kiyaa jaataa hai, ye sab mujhe bataa_en.
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संस्कृत में :

जनक उवाच – कथं ज्ञानमवाप्नोति, कथं मुक्तिर्भविष्यति।
वैराग्य च कथं प्राप्तमेतद ब्रूहि मम प्रभो॥१-१॥

हिंदी में :

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जनक उवाच – कथं ज्ञानमवाप्नोति, कथं मुक्तिर्भविष्यति।
वैराग्य च कथं प्राप्तमेतद ब्रूहि मम प्रभो॥१-१॥

हिंदी में :

वयोवृद्ध राजा जनक, बालक अष्टावक्र से पूछते हैं – हे प्रभु, ज्ञान की प्राप्ति कैसे होती है, मुक्ति कैसे प्राप्त होती है, वैराग्य कैसे प्राप्त किया जाता है, ये सब मुझे बताएं.

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जनक उवाच – कथं ज्ञानमवाप्नोति, कथं मुक्तिर्भविष्यति।
वैराग्य च कथं प्राप्तमेतद ब्रूहि मम प्रभो॥१-१॥

हिंदी में :

वयोवृद्ध राजा जनक, बालक अष्टावक्र से पूछते हैं – हे प्रभु, ज्ञान की प्राप्ति कैसे होती है, मुक्ति कैसे प्राप्त होती है, वैराग्य कैसे प्राप्त किया जाता है, ये सब मुझे बताएं.

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जनक उवाच – कथं ज्ञानमवाप्नोति, कथं मुक्तिर्भविष्यति।
वैराग्य च कथं प्राप्तमेतद ब्रूहि मम प्रभो॥१-१॥

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वयोवृद्ध राजा जनक, बालक अष्टावक्र से पूछते हैं – हे प्रभु, ज्ञान की प्राप्ति कैसे होती है, मुक्ति कैसे प्राप्त होती है, वैराग्य कैसे प्राप्त किया जाता है, ये सब मुझे बताएं.

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जनक उवाच – कथं ज्ञानमवाप्नोति, कथं मुक्तिर्भविष्यति।
वैराग्य च कथं प्राप्तमेतद ब्रूहि मम प्रभो॥१-१॥

हिंदी में :

वयोवृद्ध राजा जनक, बालक अष्टावक्र से पूछते हैं – हे प्रभु, ज्ञान की प्राप्ति कैसे होती है, मुक्ति कैसे प्राप्त होती है, वैराग्य कैसे प्राप्त किया जाता है, ये सब मुझे बताएं.

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जनक उवाच – कथं ज्ञानमवाप्नोति, कथं मुक्तिर्भविष्यति।
वैराग्य च कथं प्राप्तमेतद ब्रूहि मम प्रभो॥१-१॥

हिंदी में :

वयोवृद्ध राजा जनक, बालक अष्टावक्र से पूछते हैं – हे प्रभु, ज्ञान की प्राप्ति कैसे होती है, मुक्ति कैसे प्राप्त होती है, वैराग्य कैसे प्राप्त किया जाता है, ये सब मुझे बताएं.

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